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आओ दिखायें हम शुभ नगरी
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आओ दिखायें हम शुभ नगरी,भारत देश महान की,
आदिनाथ से वीर प्रभु तक चौबीसों भगवान की ||

नगर अयोध्या है ये देखो,ऋषभनाथ ने जन्म लिया,
है सम्मेदशिखर ये तीरथ,अजितनाथ निर्वाण हुआ,
पुरी श्रावस्ती नगरी में,संभव ने आके जन्म लिया,
शुक्ला छठ वैशाख अयोध्या,श्री अभिनन्दन ज्ञान हुआ,
फिर देखो सम्मेदशिखर,ये सुमतिनाथ निर्वाण की। आदिनाथ से वीर प्रभु

पदमप्रभु कौशाम्बी में,कार्तिक की तेरस को आये,
वाराणसी में सुपार्श्वनाथ हैं,सुप्रतिष्ठ के घर आये,
चंद्रपुरी में चंद्र हैं जन्मे,रतन देवों ने बरसाए,
काकंदी में पुष्पदंत ने,जन्म लिया सब हरषाये,
चैत बदी अष्टम ये मिलता,शीतल जन्म स्थान की । आदिनाथ से वीर प्रभु

यहां सुशोभित सिंहपुरी,श्रेयांसनाथ अवतार लिया,
चम्पापुर में वासुपूज्य आये,तब मंगलाचार हुआ
विमलनाथ को कम्पिला में,माघ सुदी छट ज्ञान हुआ,
नगर अयोध्या को फिर देखो,अनंतनाथ का जन्म हुआ,
रतनपुरी है सुन्दर नगरी,धरम के तप कल्याण की । आदिनाथ से वीर प्रभु

हस्तिनापुर है जग में नामी,शांतिनाथ अवतार लिया,
कुंथुनाथ को मंगसिर शुभ,दशमी को केवलज्ञान हुआ,
देखो तीजी बार शिखर जी,अरनाथ निर्वाण हुआ,
मल्लीनाथ की जनकपुरी है,जन्म सुतप और ज्ञान हुआ,
जन्में भूमि राजगृही सुनगरी,मुनिसुव्रत भगवान की । आदिनाथ से वीर प्रभु

जनकपुरी में ही भगवान,नमिनाथ का जन्म हुआ,
चढ़ गिरनार तपस्या कीनी,नेमिनाथ को ज्ञान हुआ,
वाराणसी काशीजी में,जनम श्री पारसनाथ का,
फिर देखो पावापुरी को,महावीर निर्वाण की
जीवन सफल हो हम सबका,भज माला इस नाम की । आदिनाथ से वीर प्रभु

आदिनाथ से वीर प्रभु तक चौबीसों भगवान की