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पर्व दशलक्षण मंगलकार
Karaoke :
ब्र. श्री रवीन्द्र जी 'आत्मन्'

पर्व दशलक्षण मंगलकार, पर्व दशलक्षण आनन्दकार ।
अहो खुशी का अवसर आया, बोलो जय जयकार ॥टेक॥

है यह शाश्वत पर्व धार्मिक, शिवस्वरूप शिवकार ।
नहीं व्यक्ति, नहिं सम्प्रदाय का, सब ही को सुखकार ॥
पर्व दशलक्षण मंगलकार, पर्व दशलक्षण आनन्दकार ॥1॥

श्री जिनवर की पूजा करिये, विषय-कषाय विडार ।
सम्यक् भक्ति करो प्रभुवर की होओ भव से पार ॥
पर्व दशलक्षण मंगलकार, पर्व दशलक्षण आनन्दकार ॥2॥

जिनवाणी की चर्चा सुनिये, भाव विशुद्धि धार ।
तत्त्वों का सम्यक् निर्णयकर, भेदज्ञान अवधार ॥
पर्व दशलक्षण मंगलकार, पर्व दशलक्षण आनन्दकार ॥3॥

बैठ एकान्त विचार सु करिये, निज स्वरूप अविकार ।
निर्विकल्प आतम अनुभव कर, सफल करो अवतार ॥
पर्व दशलक्षण मंगलकार, पर्व दशलक्षण आनन्दकार ॥4॥

सम्यक्दर्शन ज्ञान सहित, उत्तम चारित्र विचार ।
क्रोधादिक दुर्भाव निवारो, धरो क्षमादिक सार ॥
पर्व दशलक्षण मंगलकार, पर्व दशलक्षण आनन्दकार ॥5॥

सत्य पंथ निर्ग्रन्थ दिगम्बर, संयम तप हितकार ।
त्याग-आकिंचन्य-ब्रह्मचर्य धर, सर्व द्वन्द निरवार ॥
पर्व दशलक्षण मंगलकार, पर्व दशलक्षण आनन्दकार ॥6॥

धर्म और धर्मी को समझो, तजो पक्ष दुःखकार ।
धर्मी के आश्रय से जीवन, होय धर्ममय सार ॥
पर्व दशलक्षण मंगलकार, पर्व दशलक्षण आनन्दकार ॥7॥