जिनदेव से कीनी जाने प्रीत, उसे शिव मीत बनाते हैं । मुझे आ ही गई रे परतीत, उसे शिव मीत बनाते हैं ॥टेक॥अब तो लगन लागी, जिनके चरण मेरा, हरषे है मन, सुख है पाया, दुःख की अगन ही हुई है शमन ही, शरण जब से उनकी मैं आया । प्रभु गाये जो महिमा गीत, उसे शिव मीत बनाते हैं ॥जिन...१॥ये जग है सपना, कोई ना अपना, जग चार दिनों का है मेला, धन जन औ ललना सब कुछ विनशना, संग में ना जायेगा धेला,प्रभु पद में उमर जाये बीत, उसे शिव मीत बनाते हैं ॥जिन...२॥पूजे चरण स्वामी, गाये भजन पाये, सम्यक रतन का खजाना, करके जतन जला चिंतन अगन हो, रमन निज में कर भेद ज्ञाना, 'प्रभु' लेवै करम रिपु जीत, उसे शिव मीत बनाते हैं ॥जिन...३॥