(तर्ज :- पायो जी मैंने रामरतन धन पायो)जिन पूजन कर लो, ये ही जगत में सार ॥टेक॥बड़ा पुण्य अवसर ये आया, श्री जिनवर का दर्शन पाया,जिन भक्ति कर लो, ये ही जगत में सार ॥जिन...१॥बड़ा पुण्य अवसर यह आया, जिनगुरु का उपदेश सुहाया,उपदेश सु सुन लो, ये ही जगत में सार ॥जिन...२॥बड़ा पुण्य अवसर यह आया, दुर्लभ मनुज तन उत्तम पाया,व्रत संयम धर लो, ये ही जगत में सार ॥जिन...३॥बड़ा पुण्य अवसर यह आया, साधर्मी जन मेला पाया,तत्त्वचर्चा कुछ कर लो, ये ही जगत में सार ॥जिन...४॥बड़ा पुण्य अवसर यह आया, श्री दसलक्षण पर्व सुहाया, 'निज धर्म समझ लो', ये ही जगत में सार ॥जिन...५॥