महाराजा स्वामी हो जी हो जिनराजा स्वामी थे तो म्हानै त्यारो म्हाका राजथे तो म्हानै त्यारो म्हाका राज जी, महाराजा स्वामी...॥थे ही तारन तरण छोजी, थे छो गरीबनवाजअधम उधारन जान के जी, शरणैं आया री लाज जी ॥जीव अनंता त्यारिया जी, जाको अंत न पारअधम उदधि तिर्यंच के जी, बहुत किये भवपार जी ॥ऐसी सुणकर साख तिहारी, आयो छूं दरबारभवदधि डूबत काढ मोकूं, सरणैं आया की लाज जी ॥अर्ज करूं कर जोड के जी, विनवूं बारंबारबलदेव प्रभू है दास तिहारो, दीजो शिवपुर वास जी ॥