जिनवर की भक्ति करेगा, वो मुक्ति पायेगा, जग बंधन से हटकर के, शिव शक्ति पायेगा । जिनवर की भक्ति करेगा, वो मुक्ति पायेगा ॥१॥पाप हटेंगे मिथ्या मद के पुण्य बढ़ेंगे पल-पल मेंशुचिता का सागर लहरेगा, भावों के अन्तर उज्जवल में । रत्नत्रय की ज्योति जगेगी, वीतराग विज्ञानमयी, 'सौभाग्य' भव की नैया, तेरा ले जायेगी ॥जिनवर की भक्ति करेगा, वो मुक्ति पायेगा ॥२॥