जिनवर की वाणी में म्हारो मन डोले,प्रभु की भक्ति में म्हारो मन डोले, करो-करो रे प्रभु की पूजन होले-होले ॥टेक॥थारा दर्शन के कारण मैं बड़ी दूर से आया,सुन-सुन थारी महिमा मैं तो, दौड़ा-दौड़ा आया,करो-करो रे-२, प्रभु के दर्शन होले होले ॥जिनवर की वाणी में म्हारो मन डोले ॥१॥थारा रंग में रंगी चुनरिया, दूजा रंग नहीं लागे,थारे रंग में ऐसा डूबा, सारी दुनिया आवे,गावो-गावो रे-२, प्रभु के गुण होले होले ॥जिनवर की वाणी में म्हारो मन डोले ॥२॥जिनमंदिर में सब नर-नारी, थारा ही गुण गावे,तन से, मन से, तेरी भक्ति, करके पुण्य कमावे,नाचो-नाचो रे-२, प्रभु के आगे होले होले ॥जिनवर की वाणी में म्हारो मन डोले ॥३॥