पारस प्रभु का दर्शन होगा, चरणों में उनके तन मन होगाऐसा सुन्दर, उज्जवल, अपना जीवन होगा ॥टेक॥पारस प्रभु को भजूं, नित सांझ और सवेरेमोह तृष्णा को तजूं, तब ही कुछ काम बने रेदश विधि धर्म का पालन होगा, चरणों में उनके तन मन होगा ॥ऐसा॥फ़िर तो दुनिया के सब ही, झमेले छूट जायेंगेकर्मों के बन्धन भी सारे, अवश्य छूट जायेंगेकेवल ज्ञान का दर्शन होगा, चरणों में उनके तन मन होगा ॥ऐसा॥