भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देनाअब तक तोह निभाया है, आगे भी निभा देना ॥टेक॥हम दीन दुखी निर्धन, नित नाम जपें प्रतिपलयह सोच दरस दोगे, प्रभु आज नहीं तो कलजो बाग़ लगाया है, फूलों से सजा देना भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना ॥१॥तुम शांति सुधाकर हो, तुम ज्ञान दिवाकर होमम हँस चुगे मोती, तुम मानसरोवर होदो बूंद सुधा रस की, हम को भी पिला देना भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना ॥२॥रोकोगे भला कब तक, दर्शन दो मुझे तुम सेचरणों से लिपट जाऊं प्रभु शोक लता जैसेअब द्वार खड़ा तेरे, मुझे रह दिखा देना भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना ॥३॥मँझधार पड़ी नैया डगमग डोले भव मेंआओ त्रिशला नंदन, हम धयान धरें मन मेंअब दास करे विनती, मुझे अपना बना लेना ॥भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना ।अब तक तोह निभाया है आगे भी निभा देना ॥४॥