शुद्धातम की बात बता दो वीरा मैं तो दर्शन करने आऊंगा आतम ध्यान लगाऊंगा मैं तो सम्यग्दर्शन पाऊंगा, भेद ज्ञान की बता बता दो वीरा मैं तो सम्यग्दर्शन पाऊंगा शुद्धातम की बात बता दो वीरा मैं तो दर्शन करने आऊंगावीतरागता सार जगत में मैंने तुमसे जाना है मैं सर्वज्ञ स्वरूपी हूँ ये हित उपदेश पिछाना है श्रद्धा सम्यक होवे और मिट जावे भव की पीड़ा शुद्धातम की बात बता दो वीरा मैं तो सम्यग्दर्शन पाऊंगानिर्ग्रन्थों की सम्यक भक्ति मेरे ह्रदय समाई है जिनकी निर्मल अंतरंग परिणति की महिमा आई है निज में थिरता होवे और मिट जावे भव की पीड़ा बता दो वीरा मैं तो आतम ध्यान लगाऊंगा भेद ज्ञान की बता बता दो वीरा मैं तो सम्यग्दर्शन पाऊंगा