सांची कहें तोरे दर्शन से वीरा, जीवन में आई बहार प्रभुजीपुण्योदय जागे प्रभु तोहरे आगे, झूठा सा लागे संसार प्रभूजी ॥टेक॥तन-मन में था कषायों का डेरा, जब से हुआ प्रभु दर्शन तेरा ।पीड़ा बिखर गई, आतम निखार गई ।बरसे है आनंद अपार प्रभूजी ॥१...सांची॥कर्मों से अब हम तो लड़-लड़ के हारे ।अपना तो जीवन है तोहरे सहारेदई दो जिनवाणी, जिनवर की वाणी,आतम का कर दो उद्धार प्रभूजी ॥२...सांची॥