जिनवाणी माँ तेरे चरण आया -२ज्ञान की ये दिव्य ज्योति आज पाया, सतज्ञान पायाशुध्दातम तत्व दिखाया, रत्नत्रय पथ प्रगटायावीतरागता ही मुक्ति का पथ, हमें शुभ व्यवहार बतायामैं शुद्ध- बुद्ध एक अविरुद्ध -२ऐसा ही तो सम्यकज्ञान करायाजिनवाणी माँ तेरे चरण आया -२ज्ञान की ये दिव्य ज्योति आज पाया, सद्ज्ञान पाया ॥१॥नव तत्वों में छुपा हुआ जो, हमें ज्ञान प्रकाश बतायाचिदानंद चैतन्यराज का, दर्शन सदा ही करायामैं तो हूँ अखण्ड चैतन्यपिंण्ड -२ऐसा ही तो सम्यकज्ञान करायाजिनवाणी माँ तेरे चरण आया -२ज्ञान की ये दिव्य ज्योति आज पाया, सद्ज्ञान पाया ॥२॥परभावों से भिन्न बताया, निजआतम दर्शन करायाशुद्धातम को ही बताया, हमें सिद्ध समान बतायामैं सिद्ध समान मैं हूँ भगवान -२ऐसा ही तो सम्यकज्ञान करायाजिनवाणी माँ तेरे चरण आया -२ज्ञान की ये दिव्य ज्योति आज पाया, सद्ज्ञान पाया ॥३॥