जिनवाणी मोक्ष नसैनी है ॥टेक॥जीव कर्म के जुदा करन को, ये ही पैनी छेनी है ॥जिनवाणी मोक्ष नसैनी है ॥1॥जो जिनवाणी नित अभ्यासे, वो ही सच्चा जैनी है ॥जिनवाणी मोक्ष नसैनी है ॥2॥जो जिनवाणी उर न धरत है, सैनी हो के असैनी है ॥जिनवाणी मोक्ष नसैनी है ॥3॥पढ़ो लिखो ध्यावो जिनवाणी, यदि सुख शांति लेनी है ॥जिनवाणी मोक्ष नसैनी है ॥4॥