इतनी शक्ति हमे देना माता, मन का विश्वास कमजोर हो ना । हम चलें मोक्षमारग में हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो ना ॥टेक॥दूर अज्ञान के हो अंधेरे, तू हमे ज्ञान की रौशनी दे ।हर बुराई से बचते रहें हम, हमको तू ऐसी मोक्षपुरी दे ।बैर हो न किसी का किसी से, भावना मन में बदले की हो ना हम चलें मोक्षमारग में हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो ना ॥१॥हम न सोचें हमें क्या मिला है, हम ये सोचें किया क्या है अर्पण ।फूल समता के बाँटे सभी को, सबका जीवन ही बन जाये मधुवन ।अपनी समता का जल तू बहा के, कर दे पावन हरेक मन का कोना हम चलें मोक्षमारग में हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो ना ॥२॥