जिनवाणी अमृत रसाल, रसिया आवो जी सुणवा ॥टेक॥छह द्रव्यों का ज्ञान करावे, नव तत्त्वों का रहस्य बतावेआतम तत्त्व है महान, रसिया आवोजी सुणवा ।जिनवाणी अमृत रसाल, रसिया... आवो जी सुणवा ॥१॥विषय कषाय का नाश करावे, निज आतम से प्रीति बढ़ावेमिथ्यात्व का होवे नाश, रसिया... आवोजी सुणवा ।जिनवाणी अमृत रसाल, रसिया आवो जी सुणवा ॥२॥अनेकान्तमय धर्म बतावे, स्याद्वाद शैली कथन में आवेभवसागर से होवे पार, रसिया... आवोजी सुणवा ।जिनवाणी अमृत रसाल, रसिया आवो जी सुणवा ॥३॥जो जिनवाणी सुन हरषाए, निश्चय ही वह भव्य कहावेस्वाध्याय तप है महान्, रसिया... आवोजी सुणवा ।जिनवाणी अमृत रसाल, रसिया आवो जी सुणवा ॥४॥