जिनवाणी माता से बोले आतम नन्द लाला | मैं तो था गोरा माँ, कैसे हुआ काला || बोली जिनवाणी माता, भूल करी भारी ,आतम ने अनात्मा से की है रिश्तेदारी,भाव कृष्ण लेश्या ने, हो sss अपना रंग डाला, इसीलिए काला || सुज्ञान शुक्ल लेश्या को तूने तजा रे ,कुमत कृष्ण लेश्या के सर्व अंग कारे,कारे नैन वाली ने, हो sss अपना रंग डाला, इसीलिए काला || सम्यक्त्व साबुन ज्ञान, नीर को सजा लेचारित्र घाट पर तू जाकर नहा ले अनेको को रत्नत्रय ने, हो sss अपना रंग डाला, इसीलिए काला ||