मन भाया, तेरे दर आया, दिल में खुशी अपार रे, तेरा दरश मिला है सांवरिया ॥टेक॥मधुर मधुर हृदय में मेरे, अद्भुत उमंग जगी है, ढूंढा अन्तर पट में पाया, दर्शन चाह लगी है, तन झूला, मन है फूला, जैसे छाई चहुँ बहार रे, तेरा दरश मिला है सांवरिया ॥मन...१॥चमक दमक से छवि की शोभा, छाई अजब निराली, दर्शक का चित हरने को जिमि, है अमृत की प्याली, मन राचे, झूम झूम नाचे, 'वृद्धि' छिन-छिन रहा निहार, तेरा दरश मिला है सांवरिया ॥मन...२॥