मुनिवर आज मेरी कुटिया में आये हैं, चलते फ़िरते.... चलते फ़िरते सिद्ध प्रभु आये हैं॥हाथ कमंडल बगल में पीछी है, मुनिवर पे सारी दुनिया रीझी है, नगन दिगम्बर... नगन दिगम्बर मुनिवर आये हैं॥अत्र अत्र तिष्ठो हे मुनिवर ! भूमि शुद्धि हमने कराई है, आहार कराके... आहार कराके नर नारी हर्षाये हैं॥प्रासुक जल से चरण पखारे हैं, गंधोदक पा भाग्य संवारे हैं, शुद्ध भोजन के... शुद्ध भोजन के ग्रास बनाये हैं॥नगन दिगम्बर मुद्रा धारी हैं, वीतरागी मुद्रा अति प्यारी है, धन्य हुए ये... धन्य हुए ये नयन हमारे हैं॥नगन दिगम्बर साधु बडे प्यारे हैं, जैन धरम के ये ही सहारे हैं, ज्ञान के सागर... ज्ञान के सागर ज्ञान बरसाये हैं॥