गुरुदेव आये रे बड़े ही सौभाग्य से, गूँज गया भारत सारा ओंकारनाद सेशुभाचार धर्म बनकर बैठा चुपचाप था, बाह्य व्रत में ही माना मुक्ति का माप थावीतरागी ज्ञान जागा तेरे प्रताप से, गूँज गया भारत सारा ओंकारनाद सेकर्ता कर्म की भ्रान्ति करती अवसान थी, ज्ञाता स्वभाव से हूँ दुनिया अनजान थीचेतन है जाननहारा बतलाया शान से, गूँज गया भारत सारा ओंकारनाद सेलाये थे संग में गुरुवर सीमंधर देशना, चेतन रस झरती वाणी हरती भव वेदनामहा शक्तिशाली आतम दर्शाते चाव से, गूँज गया भारत सारा ओंकारनाद सेकरुणा का सागर गुरुवर अंतर में डोलता, समझो समझो रे भाई जीवन अनमोलतारत्नत्रय दाता तेरा आतम भगवान् रे, गूँज गया भारत सारा ओंकारनाद सेवाणी में श्रुत की लब्धि समता रस घोलती, कुन्द कुन्द अमृतचंद्र के ह्रदय को खोलतीपरमागम प्याऊ खोला महा उपकार रे, गूँज गया भारत सारा ओंकारनाद से