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जिनको जिनधर्म सुहाया
Karaoke :

जिनको जिनधर्म सुहाया जिनराज हो गए।
वे तीन लोक के देखो सिरताज हो गए।। टेक ।।

जंगल में उन्होंने अपने आत्म-तत्व मंगल का ध्यान किया।
उन्होंने शुद्ध आत्मतत्त्व का शुभ मंगलमय स्वरूप दिखाया।
उन्होंने दिगंबर वस्त्र धारण किया और ऋषियों के राजा बन गये।

समयसार ग्रंथाधिराज में ज्ञानस्वरूप दिखाया।
फिर प्रमत्त-अप्रमत्त दशा से निज को भिन्न बताया।।
जो पड़े अधूरे सारे अब काज हो गए ।।2।।

अनेकांत की छाया में मम एक स्वरूप दिखाया।
रहकर स्वयं अकर्ता हमको अकर्तृत्व दिखलाया ।।
वो बिन बोले ही दिव्यध्वनि की आवाज़ हो गए ।।3।।