जूनागढ़ में सज गए देखो, तोरण द्वारडोली लाए नेमि कुमार ।रंग महल में राजुल रानी, करे श्रंगारडोली लाए नेमि कुमार ॥टेक॥हाथों में मेहंदी रची, हृदय में राजा-स्नेह ।राजुल राह निहारती, भर नैनन में नेह ।परिणय सूत्र में गूंज रहे हैं, मंगलाचार ॥डोली लाए नेमि कुमार ॥१॥रास रचाए चंद्रमा, रौशन है ये रात ।रत्नों के रथ से सजी, ये सुंदर बारात ।गगन से बरसे झिरमीर-झिरमिर, प्रेम फुहार ॥डोली लाए नेमि कुमार ॥२॥पशुओं का कृंदन सुना, चित्त में जगा वैराग ।टूट गई आशा सभी, टूट गया अनुराग ।रो-रोकर राजुल सुकुमारी, करत पुकार ॥डोली लाए नेमि कुमार ॥३॥नेमि कुँवर राजेन्द्र ने, धारा योगी वेश ।राजुल भी जोगन भई, बदल गया परिवेश ।धन्य-धन्य हो गया जगत में, गढ़ गिरनार ॥डोली लाए नेमि कुमार ॥४॥