जागो जी माता जागन घड़ियाँ आईउदयाचल से भानु जागा, नव किरणें उमगाईजागो जी माता जागन घड़ियाँ आई ॥टेक॥सृष्टि का श्रृंगार मनोरम, गाते पंछी मधुरिम मधुरिमप्रात: लालिमा छाई... जागो जी माता जागन घड़ियाँ आई ॥२॥सुरबालायें मिलकें उठायें, मधुरिम स्वर में गीत सुनायें तज दो शयन वामा माई... जागो जी माता जागन घड़ियाँ आई ॥३॥सुखकारिणी - हितकारिणी माता, रत्न कुक्षी धारिणी जगमातानारी में श्रेष्ठ कहाई ...जागो जी माता जागन घड़ियाँ आई ॥४॥