कुण्डलपुर में वीर हैं जन्मे सबके मन हर्षायेप्रकट हुए तीर्थंकर जग में देव बधाई गायें ॥वीरा वीरा गायें, सब मिल वीरा वीरा गायें, सारे जय महावीरा गायेंसच हो गये त्रिशला मैय्या ने देखे थे जो सपनेआ गए जग कल्याण करन को वीर प्रभुजी अपनेदेवियाँ आवें, पलना झुलावें, इंद्र सुमन बरसाए ॥१॥ऐरावत हाथी पे स्वर्ग से इंद्र देवता आयेसुमेरु पर्वत पर स्वामी का कलशाभिषेक कराएंहृदय खोलकर कुबेर ने भी रतन बहुत बरसाए ॥२॥वर्धमान के दर्शन करने सुर नर मुनि सब आयेकरें वंदना बारी-बारी संग में चॅवर ढुलायेंलिखें बेखबर भक्ति भाव से हम सब भजन सुनाएँ ॥३॥