म्हारे आंगण आज आई देखो मंगल घड़ीमंगल घड़ी आई पावन घड़ी… म्हारे आंगण आज आई देखो मंगल घड़ी ॥टेक॥त्रिशला माता जी ललना जायो,तीर्थङ्कर सुत वीर घर आयो ।दुल्हन सी आज लागे देखो कुंडलपुरी ॥म्हारे ... १॥अंतिम जन्म लिया प्रभु तुमने ।स्वानुभूति रमणी को रमने ।फिर नरकों में भी पलभर देखो शांति पड़ी ॥म्हारे ... २॥सुरपति ऐरावत ले आए ।शचि इंद्राणी मंगल गाए ।कलशा सजाके आए इंद्र नीर भरी ॥म्हारे ... ३॥गगनमई पालने में झूले ।निज वैभव के रतन न भूले ।महावीर प्रभुजी महिमा तुमरी जग में बड़ी ॥म्हारे ... ४॥