आचार्य जी से ये पूछे जग सारा ,णमोकार नाम का ये कौन मंत्र प्यारा।बोले मुस्काते मुनिवर सुनो भाई सारे...२अनंतानंत हैं ये पंचरंग प्यारे, पैंतिस अक्षर से शोभित, ओ...मंत्र है निराला, इसीलिये प्यारा॥ आचार्य जी से ॥महामंत्र कहती इसको है सारी जनता...२पार लगाता उसको जो इसे जपता, मंत्र है ये ऐसा जिसने, ओ... लाखों को तारा, इसीलिये प्यारा॥ आचार्य जी से ॥पंच परमेष्ठी के गुणों को प्रचारता...२धर्म विशेष को ये नहीं है दुलारता, ये महामंत्र है, ओ...तारण हारा, इसीलिये प्यारा॥ आचार्य जी से ॥मनोरमा सती का शील था बचाया...२महामंत्र का ये वर्णन ग्रंथों ने गाया ,ऐसे महामंत्र को, ओ...वन्दन हमारा, इसीलिये प्यारा॥ आचार्य जी से ॥