महामंत्र णमोकार की रचना जिनवाणी का सार है । नमन करें हम वीतराग यही मंत्र नवकार है ॥टेक॥
आत्म साधना का पथ इसके सिवा न कोई दूजा । मुक्त आत्माओं को इसने सिद्ध रूप में पूजा । कहा हमारे मुनिराजों ने ॐ का ये विस्तार है । नमन करें हर वीतराग को यही मंत्र नवकार है । महामंत्र णमोकार की रचना जिनवाणी का सार है ॥1॥
सब धर्मों नें सुख समृद्धि और शांति हेतु एक मंत्र दिया । पर स्वार्थ की सिद्धि हेतु मानव ने इसको तंत्र दिया । जैन धर्म ने अखिल विश्व को दिया मंत्र नवकार है । नमन करें हर वीतराग को यही मंत्र नवकार है । महामंत्र णमोकार की रचना जिनवाणी का सार है ॥2॥