नमन हमारा अरिहंतों को, जो जग के सब पाप मिटाते, जिनकी पावन चरण धूलि पर, पग पग पर तीरथ हो जाते ॥नमन॥नमन हमारा सिद्ध प्रभु को, तोड़ चुके जो भव की कारा, जिनके ज्योतिर्मय चिंतन से, कर्मन से होवे उजियारा ॥नमन॥नमन हमारा आचार्यों को, विश्ववन्द्य जो आचरणों से, सहज मुक्ति लिपटी रहती है, जिनके मंगलमय चरणों से ॥नमन॥फिर हैं नमन उपाध्यायों को, जो जग में निर्ग्रंथ कहाते, ज्ञानज्योति से तिमिर हटाकर, पथभूलों को राह दिखाते ॥नमन॥नमन हमारा साधुजनों को, जो परहित के हैं अवतारी, कोटिजनों के लिए बनी है, जिनकी पावन निधिया सारी ॥नमन॥पञ्च नमन ये पुण्य विधायक, इनसे होता पाप शमन, सर्व मंगलो में मंगलमय, यही प्रथम मंगलाचरण है ॥नमन॥