ओ प्यारे, परदेशी पन्छी, जिस दिन तू उड़ जायेगा ।तेरा प्यारा पिंजगा पीछे, यहाँ जलाया जायेगा ॥टेक॥जिस पिंजरे को सदा सभी ने पाला-पोसा प्यार से।खूब खिलाया खूब पिलाया, हरदम रखा संभार के॥तेरे होते-होते इसको नीचे सुलाया जायेगा।ओ प्यारे परदेशी पंछी, जिस दिन तू उड़ जायेगा॥॥देखे बिना तरसती आँखें, रहना चाहती साथ में ।तेरे बिना न खाती खाना, तू ही था हर बात में ॥तुझको पूछे बिना ही सारा, काम चलाया जायेगा ।ओ प्यारे परदेशी पन्छी, जिस दिन तू उड़ जायेगा ॥2॥रोयेगें थोड़े दिन तक, ये भूलेगें फिर बाद में ।ज्यादा से ज्यादा इतना कुछ करवा देंगे याद में ॥हलवा पूड़ी खाकर तेरा श्राद्ध मनाया जायेगा ।ओ प्यारे परदेशी पन्छी, जिस दिन तू उड़ जायेगा ॥3॥तुझे पता है क्या कुछ होता, फिर भी क्यों नहीं सोचता ।मूरख वह दिन भी आवेगा, पड़ा रहेगा सोचता ॥जन्म 'अमोलक' खोकर हीरा, पीछे तू पछतायेगा ।ओ प्यारे परदेशी पन्छी, जिस दिन तू उड़ जायेगा ॥4॥