करलो आतम ज्ञान परमातम बन जइयोकरलो भेदविज्ञान ज्ञानी बन जइयो ॥जग झूठा और रिश्ते झूठे, रिश्ते झूठे नाते झूठे ।सांचो है आतम राम, परमातम बन जइयो ॥कुन्दकुन्द आचार्य देव ने, आतम तत्व बताया है ।शुद्धातम को जान, परमातम बन जइयो ॥देह भिन्न है आतम भिन्न है, ज्ञान भिन्न है राग भिन्न है ।ज्ञायक को पहिचान, परमातम बन जइयो ॥कुन्दकुन्द के ही प्रताप से, ध्रुव की धूम मची है रे ।धर लो ध्रुव का ध्यान, परमातम बन जइयो ॥