जायें तो जायें कहाँ, ढूंढ लिया सारा जहाँ, तेरे सिवा कौन यहाँ, जायें तो जायें कहाँ ॥टेक॥नरक पशु तन से मैं भ्रमाया, स्वर्गों मे मुझे चैन न आया ।नरतन मिला यूँ ही गँवाय ॥जायें...१॥लाखों अधर्मी आपने तारे, भव सागर से पार उतारे, नाव भँवर में, सो तू उबार ॥जायें...२॥कर्मों को अपने तूने जराया, तीर्थंकर पद आपने पाया, बना लो प्रभु, मौहे अपना सा ॥जायें...३॥