जैन धरम के हीरे मोती चुन ले प्राणीचार दिनों की तेरी बची जिंदगानी हो..करता है क्यों पगले तू मनमानीमिल जाएगी तेरी मिट्टी में जवानी हो जनम हुआ तेरा इस धरती पे तूने रुदन मचायाआंख ही तेरी खुल ना पाई, भूख-भूख चिल्लायाबचपन बीता, खेल में तेरा,आया बुढापा, रोग ने घेरा,सोने जैसे शास्त्र की कदर ना पहचानीचार दिनों की तेरी बची जिंदगानी हो..दौलत के दीवानों सुन लो एक दिन ऎसा आएगाधन दौलत और रूप खजाना पडा यहीं रह जाएगास्वारथ का है बस यही खेला - २दो दिन का है बस यही मेलायूं ही उमरिया तेरी खाली बीत जानीचार दिनों की तेरी बची जिंदगानी हो..