थाने सतगुरु दे समुझाय, ज्ञान का बाग लगाओजी ॥टेक॥सम्यक् धरती शुद्ध कराओ,मन का बीज बुवाओजी ॥ज्ञान...१॥क्षमा की क्यारी भविक डोलची,समता जल छिटकाओजी ॥ज्ञान...२॥ज्ञान गुलाब चारित्र चमेली,तप को मरुवो बुवाओजी ॥ज्ञान...३॥शील बाढ़ चहुं ओर चुनाओ,नव निधि बेल चढ़ाओजी ॥ज्ञान...४॥अनुभव मेवा उतरन लाग्या,हर्ष-हर्ष फल पाओजी ॥ज्ञान...५॥