मितवा रे सुवरण अवसर आयो - २ म्हारा हिवड़ा रो, म्हारा जिवड़ा रो,म्हारा चेतन रो चमक्यो तारो... म्हारा वीर भला सा ॥टेक॥साधर्मी रे जिन मंदिर में चाला - २म्हारा जिवड़ा रो, म्हारा ज्ञान रो,म्हारा चेतनरो चमक्यो तारो, म्हारा वीर भला सा ॥१॥साधर्मी रे जिनशासन है प्यारो - २दश धर्मा रो, छ: द्रव्या रो,सात तत्त्वा रो वर्णन सारो, म्हारा वीर भला सा ॥२॥मितवा रे जन्म महोत्सव आयो - २मैं सच में, मैं स्व में,मैं निज को निज से पावां, म्हारा वीर भला सा ॥३॥