आत्मा हूँ आत्मा हूँ आत्मा
Karaoke :
तर्ज : दिल के अरमाँ आसुओं में
आत्मा हूँ आत्मा हूँ आत्मा ।
मैं सदा ज्ञायक-स्वभावी आत्मा ॥टेक॥
शस्त्र से भी, मैं कभी कटता नहीं ।
अग्नि से भी, मैं कभी जलता नहीं ।
जल गलाये तो कभी गलता नहीं ।
मैं सदा ज्ञायक-स्वभावी आत्मा ॥१॥
चर्म चक्षु से कभी दिखता नहीं ।
मूर्ख नर अज्ञान वश जाने नहीं ।
ज्ञानियों की साध्य-साधक आत्मा ।
मैं सदा ज्ञायक-स्वभावी आत्मा ॥२॥
क्रोध माया मान से भी भिन्न हूँ ।
लोभ अरु रागादि से भी भिन्न हूँ ।
भाव कर्मों से रहित मैं आत्मा ।
मैं सदा ज्ञायक-स्वभावी आत्मा ॥३॥
गोरा काला जो भी दिखता चाम है ।
मोटा पतला होना उसका काम है ।
सब शरीरों से रहित मैं आत्मा ।
मैं सदा ज्ञायक-स्वभावी आत्मा ॥४॥
दीप सम स्व पर प्रकाशी हूँ सदा,
मात्र ज्ञाता और दृष्टा हूँ सदा ।
शांत शीतल शुद्ध निर्मल आतमा,
मैं सदा ज्ञायक-स्वभावी आत्मा ।
आतमा हूँ, आतमा हूँ आतमा ॥