आया कहां से, कहां है जाना, ढूंढ ले ठिकाना चेतन ढूंढ ले ठिकाना ।इक दिन चेतन गोरा तन यह, मिट्टी में मिल जाएगा ।कुटुम्ब कबीला पडा रहेगा, कोई बचा ना पायेगा ।नहीं चलेगा कोई बहाना...॥ ढूंढ ले ठिकाना...।१।बाहर सुख को खोज रहा है, बनता क्यों दीवाना रे ।आतम ही सुख खान है प्यारे, इसको भूल ना जाना रे।सारे सुखों का ये है खजाना...॥ ढूंढ ले ठिकाना… ।२।जब तक तन में सांस रहेगी, सब तुझको अपनायेंगे ।जब न रहेंगे प्राण जो तन में, सब तुझसे घबरायेंगे ।तुझको पडेगा प्यारे है जाना...॥ ढूंढ ले ठिकाना...।३।दौलत के दीवानों सुन लो, इक दिन ऐसा आयेगा ।धन दौलत और रूप खजाना, पडा यहीं रह जायेगा ।कन्धा लगायेगा सारा जमाना...॥ ढूंढ ले ठिकाना...।४।गुरुचरणों के ध्यान से चेतन, भवसागर तिर जायेगा ।सम्यग्दर्शन ज्ञान से प्यारे, दुख तेरा मिट जायेगा ।सारे सुखों का है ये खजाना...॥ ढूंढ ले ठिकाना...।५।