चंद दिनों का जीना रे जिवड़ा, ये दुनियाँ मकड़ी का जालक्यों डूबा विषयों में पगले, हाल हुआ तेरा बेहाल ॥टेक॥आखिर तेरा जाना होगा कोई न साथ निभाएगा ।तेरे कर्मों का फल बंदे साथ तेरे ही जाएगा ॥धन दौलत से भरा खजाना पड़ा यही रह जाएगा ।चंद दिनों का जीना जीवड़ा, ये दुनियाँ मकड़ी का जाल ॥१॥दया धरम संयम के द्वारा मुक्ति मंजिल पाएगा ।तेरे त्याग की अमर कहानी सारा जमाना गाएगा ॥चिंतन कर ले इन बातों का जनम सफल हो जाएगा ।चंद दिनों का जीना जीवड़ा, ये दुनियाँ मकड़ी का जाल ॥२॥ये तन है माटी का पुतला माटी में मिल जाएगा ।मुट्ठी बांधे आया जगत में, हाथ पसारे जाएगा ॥ज्ञानी जन कहते हैं सुन लो, गया वक्त नहीं आएगा ।चंद दिनों का जीना जीवड़ा, ये दुनियाँ मकड़ी का जाल ।क्यों डूबा विषयों में पगले हाल हुआ तेरा बेहाल ॥३॥