जिंदगी में घड़ी यह सुहानी
Karaoke :
तर्ज : जिंदगी एक सफर है सुहाना -- अंदाज
जिंदगी में घड़ी यह सुहानी,
मिली नर देह मत हो मानी ॥टेक॥
आतम अनुभव कर तू संभल,
मत भोगों के पीछे चल,
मुश्किल यह घड़ी फिर आनी ॥मिली...१॥
राम रहे ना रावण नर,
अगणित प्राणी गये हैं गुज़र,
अमर हो गये आतम ध्यानी ॥मिली...२॥
समय सार का समरस पी,
निजपुर में निज जीवन जी,
'सौभाग्य' यही जिनवाणी ॥मिली...३॥