जिंदगी रत्न अनमोल है, इसे यूँ ना गँवाना पड़ेगा, ये तो संयम का साधन भी है, इसका कुछ लाभ पाना पड़ेगा ॥टेक॥जिंदगी मुश्किलों से मिली, योनियाँ लाख जब है धरी, सार इसका जो पाया नहीं, अन्त में पछताना पड़ेगा ॥जिंदगी रत्न अनमोल है, इसे यूँ ना गँवाना पड़ेगा ॥१॥जितने करता करम शुभ है प्राणी, सुख और वैभव भी उतने मिलेंगेपाप जीवन में गर किये तो, पापों का फल उठाना पड़ेगा ॥जिंदगी रत्न अनमोल है, इसे यूँ ना गँवाना पड़ेगा ॥२॥जिंदगी तो सुखाभास है, झूठी समझो इसे आस है, जिंदगी का बना दास है, फेर भव का लगाना पड़ेगा ॥जिंदगी रत्न अनमोल है, इसे यूँ ना गँवाना पड़ेगा ॥३॥जिंदगी तो नाशवान है, देह दुःख से भरी खान है, चार दिन की ये महमान है, फेर परलोक जाना पड़ेगा ॥जिंदगी रत्न अनमोल है, इसे यूँ ना गँवाना पड़ेगा ॥४॥जिंदगी नाश होगी तो क्या, 'प्रभु' लेते हैं भवि लाभ पा, धार संयम दे कर्मन खपा, उन्हें भव में न आना पड़ेगा ॥जिंदगी रत्न अनमोल है, इसे यूँ ना गँवाना पड़ेगा ॥५॥