पीजे-पीजे रे चेतनवा, पानी छान-छान के ॥टेक॥निरख-निरख कर पग धर चलना,जैन वयन सत् मान-मान के ॥१॥हित-मित वचन कहो मेरे प्यारे, क्रोध लोभ मद भान-भान के ॥२॥निशि-भोजन को भूल नहीं करना,जीव पड़ गया इनमें आन-आन के ॥३॥'न्यामत' हलन-चलन जो करना,करना सुमति हिय ठान-ठान के ॥४॥