समकित सुंदर शांति अपार अल्प समय में लाखों बार - 3पंच परमपद भाव का, समयसार काअनुभव होवे... आतम भासे हर गुण ताली बजाएआतम अनुभव फिर-फिर होवेहरएक क्षण में बार-बार... बार-बार ॥समकित...१॥इंद्र-धनुष सा... जीवन सारातत्त्व समझ ले चेतन प्याराजैन धर्म है जग में न्यारानिज में भव ले बेशुमार... बेशुमार ॥समकित...२॥प्रभु मिले कब... चेतन तरसेमोह के फंदे में आतप तड़पेस्वयंसाध्य हो, वह साधन सेजान लो निज को अबकी बार, एक बार ॥समकित...३॥