नमेँ मात वामा के पारस दुलारे, छोड़ राज वैभव मुक्ति जो सिधारे ॥टेक॥लखे स्वप्न सोलह, माँ ने सुहाने, गई भोर पति पे फल, ता सूँ पाने, है तीर्थ करता होऽऽ (2), गरभ में तुम्हारे, पूज्य वो हमारे ॥नमें...१॥जिनके जन्म से पहले, पन्द्रह महीने, धनद से कराई विरखा, रतन की हरी ने, इन्द्र जिन न्हवन को लेकर होऽऽ (2), मेरूपधारे, पूज्य वो हमारे ॥नमें...२॥चले बाल क्रीड़ा को, गजारूढ़ हो जब, मूढ़ तापसी की जलती, देख अगन तब, महामंत्र देकर जिनने होऽऽ (2), युगल नाग तारे, पूज्य वो हमारे ॥नमें...३॥बने देव देवी, युगल नाग नागिन, बने दास पारस के, चरण बैठ निशदिन, सदा चाहते हैं जो वे होऽऽ (2), सम्यक्त्व धारें, पूज्य वो हमारे ॥नमें...४॥अथिर जान वैभव, जगत भोग सारे, बने वीतरागी जिन, तपाचार धारे,वे सिद्ध 'सौभाग्य' होऽऽ (2), शिखर पूज्य सारे, पूज्य वो हमारे ॥नमें...५॥