दुःख मेटो वीर हमारे, हम आये द्वार तुम्हारे,नहीं और कोई चित भाता, तुम ही हो स्वामी हमारे ॥टेक॥तुम महावीर कहलाये, तज राजपाट वन धाये ।हिंसा को मिटाने वाले, लाखों जीवों को तारे ॥दुःख मेटो वीर हमारे, हम आये द्वार तुम्हारे ॥1॥श्रीपाल को तुमने उबारा, मैना के दुःख को टारा ।हे सती चंदना के प्रण को , तुमही हो पूरण हारे ॥दुःख मेटो वीर हमारे, हम आये द्वार तुम्हारे ॥2॥दरबार मे तेरे आकर, खाली नही जाता चाकर ।'पंकज' की झोली भर दे, मैं पूजूँ चरण तिहारे ॥दुःख मेटो वीर हमारे, हम आये द्वार तुम्हारे ॥3॥