ओ भाया थारी बावली जवानी चाली रे ।भगवान भजन तूं कद करसी थारी गरदन हाली रे ॥टेक॥लाख चोरासी जीवाजून में मुश्किल नरतन पायो रेतूं जीवन ने खेल समझकर बिरथा कीयां गमायो रेआयो मूठी बाँध पसारयां जासी हाथा खाली रे ॥ओ भाया थारी बावली जवानी चाली रे ॥१॥झूँठ कपट कर जोड़-जोड़ धन कोठा भरी तिजोरी रेधर्म कमाई करी न दमड़ी कोरी मूँछ मरोड़ी रेहै मिथ्या अभिमान आँख की थोथी थारी लाली रे ॥ओ भाया थारी बावली जवानी चाली रे ॥२॥कंचन काया काम न आसी थारा गोती नाती रेआतमराम अकेलो जासी कोई न संगी साथी रेजन्तर मन्तर धन लश्कर से मोत टले नहीं टाली रे ॥ओ भाया थारी बावली जवानी चाली रे ॥३॥आपा पर को भेद समझले खोल हिया की आँख रेवीतराग जिन दर्शन तजकर अठी उठी मत झाँक रेपद पूजा 'सौभाग्य' करेली ले शिव रमणी थाली रे ॥ओ भाया थारी बावली जवानी चाली रे ॥४॥