या नित चितवो उठिकै
Karaoke :
राग : रामकली, जलद तितालो
तर्ज : सजनवा बैरी हो गए हमार
या नित चितवो उठिकै भोर ।
मैं हूँ कौन, कहां तैं आयो, कौन हमारी ठौर ॥टेक॥
दीसत कौन, कौन यह चितवत, कौन करत है शोर ।
ईश्वर कौन, कौन है सेवक, कौन करे झकझोर ॥
या नित चितवो उठिकै भोर ॥१॥
उपजत कौन मरै को भाई, कौन डरे लखि घोर ।
गया नहीं आवत कछु नाहीं, परिपूरन सब ओर ॥
या नित चितवो उठिकै भोर ॥२॥
और और मैं और रूप ह्वै, परनतिकरि लइ और ।
स्वांग धरैं डोलौ याही तैं, तेरी 'बुधजन' भोर ॥
या नित चितवो उठिकै भोर ॥३॥