थे म्हारे मन भायाजी
Karaoke :
तर्ज : परमगुरु बरसात ज्ञान झरी
थे म्हारे मन भायाजी चंद जिनंदा,
बहुत दिनामैं पाया छौ जी ॥टेक॥
सब आताप गया ततखिन ही, उपज्या हरष अमंदा ॥
थे म्हारे मन भायाजी चंद जिनंदा ॥1॥
जे मिलिया तिन ही दुख भरिया, भई हमारी निंदा ।
तुम निरखत ही भरम गुमाया, पाया सुख का कंदा ॥
थे म्हारे मन भायाजी चंद जिनंदा ॥२॥
गुन अनन्त मुखतैं किम गाऊं, हारे फनिंद मुनिंदा ।
भक्ति तिहारी अति हितकारी, जाँचत 'बुधजन' वंदा ॥
थे म्हारे मन भायाजी चंद जिनंदा ॥3॥