मेरी अरज कहानी सुनीए
Karaoke :
तर्ज : मन तरपत हरि दर्शन
मेरी अरज कहानी सुनीए केवलज्ञानी ।
चेतन के संग जड़-पुद्गल मिलि, सारी बुधि बौरानी ॥टेक॥
भव वन माहीं फेरत मोकौं, लख चौरासी ठानी ।
कबलौं वरनौ तुम सब जानो, जनम मरन दुखखानी ॥
मेरी अरज कहानी सुनीए केवलज्ञानी ॥1॥
भाग भले तें मिले 'बुधजन' को, तुम जिनवर सुखदानी ।
मोह फांसि को काटि प्रभुजी, कीजे केवलज्ञानी ॥
मेरी अरज कहानी सुनीए केवलज्ञानी ॥2॥