तन मन सारो जी सांवरिया तुम पर वारना जी बालापन में कमठ उबारो, अग्नि जलते नाग निवारोबैरी करमन मारो नाथ तुमने बैरी करमन मारो तप वन धारना जी तुम पर वारना जीतन मन सारो जी सांवरिया तुम पर वारना जी ॥१॥जीवाजीव द्रव्य बताये सब जीवन के भरम मिटायेशिव मारग दरशाए प्रभु जी तुमने शिव मारग दरशाएसत को धारना जी तुम परवार ना जीतन मन सारो जी सांवरिया तुम पर वारना जी ॥२॥स्याद्वाद सप्त भंग बताये, नय प्रमाण निश्चय करवाएझूठे मत किए खंडन, हां झूठे मत किए खंडन सत को धारना जी तुम पर वारना जीतन मन सारो जी सांवरिया तुम पर वारना जी ॥३॥'न्यामत' जिन पारस गुण गाये, पुनि-पुनि चरणन शीश नवाएवीतराग सर्वज्ञ तुही हितकारना जी,हां वीतराग सर्वज्ञ तुही हितकारना जीतन मन सारो जी सांवरिया तुम पर वारना जी ॥४॥