दया दिल में धारो प्यारे, दया बिन बृथा जतन सारे ॥टेक॥दया धरम का मूल है प्यारे, कहते वेद पुराण ।कहीं जीव का मारना नहीं, आता बीच कुरान ॥किसी को पढ़ देखो प्यारे, दया बिन बृथा जतन सारे ॥1॥सुबुकतगी को रहम था एक, हरनी पे आया ।रहमदिली से राज जाय गढ़, गजनी का पाया ॥दया का फल देखो प्यारे, दया बिन बृथा जतन सारे ॥2॥दान शील तप भावना प्यारे, संजम ज्ञान बिचार ।एक दया बिन जानियो प्यारे, हैं निर्फल बेकार ॥नीर बिन ज्यों सरवर प्यारे, दया बिन बृथा जतन सारे ॥3॥प्राण सबों के जानियो प्यारे, अपने प्राण समान ।प्राण हतेगा और के प्यारे, होगी तेरी हान ॥सहेगा दुख लाखों प्यारे, दया बिन बृथा जतन सारे ॥4॥दया करत संसार सुख प्यारे, दया देत निर्वाण ।'न्यामत' दया न छोड़ियो चाहे, छूट जांय सब प्राण ॥दया दुख सागर से तारे, दया बिन बृथा जतन सारे दया दिल में धारो प्यारे, दया बिन बृथा जतन सारे ॥5॥