कित गये पंच किसान हमारे ॥टेक॥बोयो बीज खेत गयो निरफल, भर गये खाद पनारे ।कपटी लोगों से साझा कर कर हुये आप विचारे ॥कित गये पंच किसान हमारे ॥1॥आप दिवाना गह गह बैठो, लिख लिख कागद डारे ।बाकी निकसी पकरे मुकद्दम, पांचों हो गये न्यारे ॥कित गये पंच किसान हमारे ॥2॥रुक गयो शबद नहिं निकसत, हा हा कर्म सों हारे ।'बनारसि' या नगर न बसिये, चल गये सीचन हारे ॥कित गये पंच किसान हमारे ॥३॥