लिया आज प्रभु जी ने जनम सखी, चलो अवधपुरी गुण गावन कों ॥ लिया..॥तुम सुन री सुहागन भाग भरी, चलो मोतियन चौक पुरावन कों ॥ लिया..॥सुवरण कलश धरों शिर ऊपर, जल लावें प्रभु न्हवावन कों ॥ लिया...॥भर भर थाल दरब के लेकर , चालो जी अर्घ चढावन कों ॥ लिया...॥नयनानंद कहे सुनि सजनी, फ़ेर न अवसर आवन कों॥ लिया....॥